Sunday 27 September 2015

Kala Patthar Beach,Havelock

                        अब अंडमान में हमारा अगला पड़ाव एशिया के प्रमुख समुद्री तटों के लिए प्रसिद्ध यहाँ की राजधानी ,हैवलॉक थी।ये नाम इसे यहाँ अंग्रेजी हुकूमत के हुक्मरान हैनरी हैवलॉक के नाम पर दिया गया था।  यहाँ सभी जगहों के नाम अंग्रेजी सभ्यता के प्रतीक से लगते हैं शायद लंबे समय तक उनके शासन के कारण ऐसा हुआ हो, हालाँकि कुछ लागों का यह भी माना जाता है कि अंडमान तमिल भाषा के  हन्डुमान शब्द से बना है जिसका अर्थ हनुमान होता है। खैर नाम का अभिप्राय जो भो हो भारत  का सुदूरवर्ती हिस्सा होने के बाद भी यहाँ के लोगों में बहुत अपनापन सा लगा। कर्नाटक में रहने के कारण कान हिंदी भाषा सुनने को तरस जाते हैं  और यहाँ बोलचाल की प्रमुख भाषा हिंदी है ये देखकर बहुत अच्छा लगा। अंडमान की प्रसिद्धि का मुख्य कारण एशिया का प्रसिद्ध राधनगर बीच हैवलॉक में ही है,राधनगर ही क्यों अन्य बीच जैसे काला पत्थर और एलिफैंटा बीच भी किसी तरह से कम नहीं है। यहाँ के बीचों को नंबर के आधार पर भी जाना जाता है। यहाँ का नीला हरा पानी तो बस आँखों में कुछ इस कदर बसा कि अब और कोई समुद्री किनारा देखने की इच्छा नहीं रही। कुछ इस तरह के दृश्य देखने को मिले वहां-
हैवलॉक आइलैंड 
भारत से बाहर थाईलैंड और मालद्वीप का मैं नहीं कह सकती क्योंकि उन्हें देखा नहीं है,जिन्होंने देखा हो वो लोग कम्पेरिजन कर सकते हैं। पोर्ट ब्लेयर से यहाँ की दूरी करीब सत्तावन किलोमीटर की है जिसे या तो फेरी द्वारा या हेलीकाप्टर के द्वारा तय किया जा सकता है। हेलीकाप्टर सेवा वहां के लोकल लोगों के लिए सस्ती है,पर पर्यटकों के लिए थोडा महंगा पड जाती है। इसलिए जाने के लिए एक मात्र विकल्प फेरी ही बचती है। यहाँ दो तरह की फेरी चलती हैं एक  प्राइवेट और दूसरी गवर्मेंट जो कि ओपन डेक होती है। गवर्मेंट फेरी फोनिक्स जेटी से दिन में तीन बार सुबह छह बजे ,ग्यारह बजे और दो बजे चलती है। दिन में ग्यारह बजे वाली नील आइलैंड होते हुए जाती है जिसे हैवलॉक पहुँचने में चार घंटे लगते हैं तथा बाकि फेरी ढाई घंटे में पहुंचा देती हैं। इसके अलावा दो तीन प्रकार की प्राइवेट फेरी हैं वो भी लगभग इतना ही समय लेती है आने जाने में ,सावधानी के तहत वापसी की फ्लाइट इन फेरियों के तय कार्यक्रम के हिसाब से ही करना चाहिए या फिर वापसी की फ्लाइट हैवलॉक से पोर्ट ब्लेयर के अगले दिन की रखनी चाहिए,क्यूंकि कभी कभी मौसम के मद्देनजर फेरियां रद्द भी हो जाती है। प्राइवेट फेरी मैकरूज  डेढ़ घंटे में पहुंचा देती है .मक्रूज़ का टिकट थोडा सा ज्यादा है क्योंकि ये जल्दी पहुंचा देती है लेकिन आनंद तो गोवमेंट फेरी में ही सबसे ज्यादा आता है। टिकट बुकिंग हमने पैराडाइज़ अंडमान  से कराइ थी और ये जाने के पहले दिन रात में हमारी टिकट होटल पहुंचा गया था।जाते समय हम दिन का उपयोग फेरी में लगाने की जगह हेवलॉक दर्शन के लिए करना चाह रहे थे इसलिए जाने के लिए  हमने मक्रूज़ का चयन किया था ये फेरी सुबह आठ बजे पोर्ट ब्लेयर से चलती है बंद शीशे वाली इस फेरी में डेढ़ घंटे का समय बहुत ज्यादा सा प्रतीत हुआ जिसमे से दस पंद्रह मिनट तो नाश्ता करने में भी लगे ही होंगे, पर हैवलॉक की सुंदरता सफर की बोरियत को मात दे गयी और पूरे के पूरे नंबर इसे मिल गए। 
जाने को तैयार खड़ा मैकरूज

        डेढ़ घंटा मैकरूज में बिताने के बाद नौ पैतालीस में हैवलॉक पहुंचे तो वहां की इमारतों में कुछ इस तरह के वेलकम मेसेज पढ़ने को मिले -

सुस्वागतम 
            यहाँ से बाहर निकल के सोच ही कि पहले से  कराये हुए होटल क्रॉस बिल बीच रिसोर्ट तक कैसे पहुंचा जीप वाला दिखा और बोलने लगा कि दो सौ रूपये में होटल तक छोड़ देगा पता नहीं क्या  हुए उससे आठ सौ  रूपये में पूरे दिन की बात कर ली, वैसे निर्णय बहुत अच्छा रहा क्यूंकि टुकड़ों में अगर ऑटो या कुछ और देखते तो महंगा पड़ता। होटल में पहुँच कर चेक-इन की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हम निकल पड़े काला पत्थर बीच की तरफ। ये जगह हमारे होटल से तीन किलोमीटर की दूरी पर थी। काला पत्थर नाम के गाँव में स्थित होने  के कारण इस बीच का नाम काला पत्थर पड़ा है। इसके नाम से तो ऐसा लग रहा था जैसे यहाँ समुद्र के सहारे सहारे कई काले पत्थर देखने को मिलेंगे पर यकीं मानिये छोटे छोटे काले पत्थर जरूर देखने को मिले। जाते वक्त जब हम होटल से बीच की तरफ बढ़ रहे थे तो सड़क के समानान्तर समुद्र भी देखने लगा था पर उसे  देख के ये नहीं लग रहा था कि बहुत ही बढ़िया जगह हम पहुँचने वाले हैं ,या यूँ कहिये कहीं टाइम बर्बाद तो  नहीं कर रहे हैं।पर काला पत्थर पहुंचे तो आँखों ने जो दृश्य देखे उन्हें बयान करने के लिये शब्द नहीं हैं मेरे पास। उजली सी सफेद रेत  और उससे लगा हुआ फिरोजी समंदर जो हर पल रंग बदल रहा था। ये निर्धारित करना मुश्किल पड रहा था कि पानी नीला है या हरा या फिर कोई और ही रंग लिए हुए है।यद्धपि हम ये सोच के आये थे कि पानी में नहीं उतरेंगे पर अपने को रोक पाना मुश्किल हो गया था।सोचा थोड़ा थोड़ा जायेंगे पर अगर एक बार चले ही गए तो फिर लहरें कहाँ छोड़ती हैं,बार-बार बुला ही लेती हैं।यहाँ के व्यू देख कर ये अंदाजा तो आ ही गया कि हैवलॉक जितना विख्यात है उससे भी कई गुना ज्यादा विख्यात होने की क्षमता रखता है।  जब काला पत्थर ही ऐसा अदभुद है तो राधानगर कैसा होगा। यहाँ के बीचों की एक खास बात  कि यहाँ समुद्र से लगे हुए जंगल होते हैं जिनकी छाया में बैठकर इस रंग बदलती समुद्री लहरों का आनन्द ले सकते हैं। अधिकांश पर्यटक हैवलॉक के राधानगर को देख के वापस हो लेते हैं। इसलिए ये जगह भीड़भाड़  से रहित है,इसलिए बहुत ही साफ़ सुथरा है। अपने  प्लान के मुताबिक  हमने काला पत्थर के लिए करीब एक  घंटे का समय रखा था जो  यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य के हिसाब  कम प्रतीत हो रहा था,ये भी कह सकते हैं कि यहाँ से वापस  मान ही नहीं रहा था। पर पेट पूजा का समय भी हो रहा था और हम राधानगर जाने से पहले थोड़ी देर होटल जाकर कुछ देर सुस्ताना भी चाह रहे थे ।इसलिए ना चाहते हुए भी हमें काला पत्थर बीच को अलविदा कहना पडा ।यहाँ आ कर के हम सुंदरता निहारने में इतने व्यस्त हो गए कि कैमरा का इस्तेमाल बहुत काम हो गया।फिर भी एक दो फोटो-
शांत सी लहरें 
पल पल रंग बदलता समुद्र। 
                                         

                                                      
                    हैवलॉक में शाकाहारी खाना मिलना थोडा मुश्किल काम माना जाता है तो हमने गूगल में देखकर फैट मार्टिन नामक रेस्तरां की तरफ रूख किया ।वहां पहुँचने के बाद पता लगा की सफाई हो रही है इसलिए खाना नहीं मिलेगा ।अब एक बार फिर हम ड्राईवर साहब पर निर्भर हो गए थे और उन्होंने हमें हैवलॉक जेटी के पास में स्थित नालाज किंगडम,नामक शाकाहारी रेस्तरां में ले गया और वहां का खाना तो इतना बढ़िया था कि हमने उससे पूछ ही लिया अगर रात के खाने के लिए होम डिलीवरी दे दे पर जवाब ना में मिला ।

           थोड़ा सोचने के बाद रेस्तरां के मालिक ने कहा कि अगर आप खुद ले जा सकते हो तो पैक कर के दे देंगे ।खैर ये तो रात के खाने की बात थी और अभी तो दिन हो हो रहा था ।इस तरह से पेट पूजा कर के हम होटल पहुँच गए और ड्राईवर को साढ़े तीन बजे आने को बोल दिया।  अगले भाग में देखते हैं कि क्या खास है राधानगर बीच में। 
अंडमान का सफर एक नजर में -



3 comments:

  1. बहुत बढ़िया और यादगार यात्रा
    सुन्दर विवरण और सुंदर दृश्य

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  2. बहुत बढ़िया पोस्ट.....राधानगर बीच बहुत खूबसूरत है

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    1. ये काला पत्थर का है प्रतीक,राधानगर क्या पूरा अंडमान ही बेहद खूबसूरत है।

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