Thursday 17 March 2016

Solang Valley,Manali

            समय कितना गतिमान है इस बात का अनुभव गुलाबा में बहुत अच्छे से हुआ। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अभी अभी तो पहुंचे ही थे और इतनी जल्दी  वापस जाने का समय भी हो गया। मन ये कह रहा था  कि अभी तो इन नजारों को नजर भर के देखा तक नहीं, इतनी जल्दी कैसे वापस हो जाएँ। लेकिन वक्त के आगे आजतक बड़े बड़ों की ना चली और विद्वानो का कथन है कि दिल और दिमाग के मुकाबले में हमेशा दिमाग की सुननी चाहिए, इसलिए भारी मन के साथ इन दृश्यों को अपनी यादों में बसाकर हम सड़क की तरफ उतरने लगे। चढ़ने के मुकाबले उतरने में ज्यादा समय लग रहा था, शायद जाते समय पहुँचने की जल्दी रही हो। मजे की बात ये थी कि अभी भी जहाँ भी देखो हर तरफ कुछ नयापन सा लग रहा था। 
एक झलक गुलाबा से। 

Thursday 10 March 2016

Gulaba Snow Point,Manali

               वैसे तो मनाली शहर हिमनगरी ही है पर यहाँ का प्रसिद्ध रोहतांग पास साल भर हिमाच्छादित रहने कारण सैलानियों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहता है। इस बर्फीली घाटी में पूरे साल बर्फ रहने के कारण सिर्फ गर्मियों के मौसम में मई माह के दूसरे हफ्ते से नवम्बर तक जाना ही संभव हो पाता है। बाकि के दिनों के लिए रोहतांग पास के विकल्प के रूप में गुलाबा घाटी को रखा जाता है। ऊंचाई कम होने के कारण इस जगह पर हमेशा जाया जा सकता है और साथ में  बर्फ का लुफ्त भी उठाया जा सकता है। मई के शुरुवाती दिनों में जाने के कारण से आशा के अनुरूप रोहतांग पास बंद मिल, इसलिए स्वतः गुलाबा हमारी डेस्टिनेशन में सम्मिलित हो गया था। अब रोहतांग तो जा ही नहीं पाये तो उसके बारे में क्या कह सकते हैं ,परन्तु गुलाबा  ने भी निराश नहीं किया। मुझे तो गुलाबा जा कर ऐसी अनुभूति हुयी कि अगर कहीं धरती पर स्वर्ग है तो यहीं है। वास्तव में बर्फ से ढके पहाड़ इतने नजदीक से देखने का अनुभव निराला ही होता है। 
बर्फ से ढकी ये वादियां  बार बार बुलाती हैं। 
           एक परिचय गुलाबा का- जम्मू  कश्मीर के राजा गुलाब सिंह के नाम पर इस जगह को गुलाबा कहा जाता है। जब रोहतांग पास बर्फवारी के कारण बंद होता है ,तो मनाली से बीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुलाबा पर्यटकों को यूँही वापस नहीं जाने देता, बल्कि ढेर सारी बेशकीमती यादों के साथ भेजता है, जो उनके रोहतांग नहीं जा पाने के अफ़सोस को काफी हद तक कम कर देती हैं।