कोटिलिंगेश्वर जहाँ महाकाल विराजते हैं अपने महा विशाल रूप में
कोटिलिंगेश्वर, एक ऐसी जगह जहां भोले भंडारी एक सौ आठ फ़ीट के विशाल अवतार में विराजमान हैं। वैसे तो भारत मे महादेव के अनेक मंदिर हैं और हर मंदिर में वो एक अलग रूप में धूनी रमाते हैं पर कर्नाटक के कोलार जिले में एक ऐसा मंदिर है जहाँ कदम रखते ही अपार शिव शक्ति का आभास दूर से ही हो जाता है।
कोटिलिंगेश्वर, एक ऐसी जगह जहां भोले भंडारी एक सौ आठ फ़ीट के विशाल अवतार में विराजमान हैं। वैसे तो भारत मे महादेव के अनेक मंदिर हैं और हर मंदिर में वो एक अलग रूप में धूनी रमाते हैं पर कर्नाटक के कोलार जिले में एक ऐसा मंदिर है जहाँ कदम रखते ही अपार शिव शक्ति का आभास दूर से ही हो जाता है।
बंगलोर से सत्तर किलोमीटर दूर कोलार, वो ही कोलार जिसे सब सोने की खानों के लिए जानते हैं अपने आप मे एक बहुत बड़ा आश्चर्य समेटे हुये है। यहाँ पर एक ऐसा मंदिर है जिसमे दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग जिसकी ऊंचाई एक सौ आठ फ़ीट है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर छोटे बड़े सब शिवलिंगों की अगर गिनती कर ले तो वो करीबन एक करोड़ निकलेंगे। एक करोड़ शिवलिंग होने के कारण ही इसे कोटिलिंगेश्वर के नाम से जाना जाता है।