Tuesday 7 January 2014

दूधसागर वॉटरफॉल(Dudhsagar waterfall) गोवा का अलौकिक सौंदर्य..........२

        सब से पहले तो इतने समय के बाद ब्लॉग पर आने के लिए माफ करियेगा ।इस दौरान व्यस्तताएं इतनी रही कि चाह कर भी ब्लॉग पर आना नहीं हो पाया,जबकि मन में बहुत उतावली थी गोवा के यात्रा वृत्तांत को शब्दों में उतार कर आपलोगों के साथ साझा करने की।चलिये देर से ही सही मौका तो मिला लकुछ लिख पाने का। इस पोस्ट से आपको चेन्नई एक्सप्रेस(Chennai Express ) फ़िल्म से प्रसिद्द हुए दूधसागर झरने के दर्शन कराने का विचार है। इस झरने का मुख्य आकर्षण ये है कि रेलगाड़ी इसे क्रॉस  करते  हुयी जाती है जिससे ये और भी मनभावन एवं दो भागों में विभक्त हुआ सा प्रतीत होता है। एक बार आप लोग भी देखिये -
दूधसागर को क्रॉस करती हुयी रेलगाड़ी (चित्र गूगल द्वारा साभार )
           तो इस अत्यंत मनभावन दृष्य के बारे में अधिक जानकारी के लिए आगे क्लिक करिये,अपने सफ़र की शुरुवात के साथ- साथ आपको बैंगलोर से गोआ तक की रेलयात्रा भी करा देते है,तो जल्दी से करिये क्लिक-

           दशहरे की  छुटिट्यों में गोवा घूमने का प्लान था,तो रेलआरक्षण मिलना थोडा कठिन था,जिस दिन टिकट खुलने थे उसी दिन सुबह-सुबह बैठने के बाद भी १५ -१६-१७-१८ वेटिंग का टिकट मिला,कन्फर्म हो जायेगा कि उम्मीद पर होटल ओस्बोर्न भी बुक करवा लिया।अब इंतज़ार- इंतज़ार करते हुए अंतिम दिन भी आ ही गया और हमलोगों के टिकट फिर भी र.ए.सी. तक ही पहुंचे,अब सीट थी दो और यात्री थे छह,किसी तरह से बैठते गप मरते हुए आगे बढ़ ही रहे थे कि तभी टिकट चेकर भाई आ पहुंचे और हमारी मन की मुराद उन्होंने पूरी कर दी दो सीट ओर दिलवा कर।इस तरह से हम लोगों का रात्रि सफ़र बिना किसी मुश्किल के आराम से गुजर गया,सुबह उठ कर तीन चार चाय पीने तक लग भाग दस ही बज गया था और लोगों कि भीड़ जमा हो गयी थी रास्ते के नज़रों के लिए,सब अपने-अपने कैमरे  लिए हुए खड़े थे,ये जलप्रपात पंजीम से लगभग साथ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अब सबसे मजेदार बात ये है कि जिस तरह चेन्नई एक्सप्रेस मूवी में चेन  खींचकर  रेलगाड़ी रुकवाई जाती है, ठीक उसी तरह यहाँ भी दूधसागर के पास किसी ने चेन खींचकर ट्रैन को रुकवा दिया गया और लोग उतर उतर कर दूधसागर के नज़रों को देखने लगे। ये पानी का बहाव है तो केवल वहीँ पर लग रहा था यहाँ पर पानी का वेग रूक रहा था वर्ना अपने नाम के अनुरूप ही ये दूध का सा बहाव प्रतीत हो रहा था,एक चित्र आप भी देखिये जो कि हम लोग ले पाये थे और इसके साथ-साथ भोगोलिक दृष्टि से भी दूधसागर कि जानकारी लीजिये-
            ऊंचाई के हिसाब से ये जलप्रपात भारत में पांचवे स्थान पर है,इसकी ऊंचाई तीन सौ दस मीटर एवं चौड़ाई तीस मीटर है। तथा पणजी से इसकी दूरी लगभग साथ मीटर है।
दूधसागर 
                         यहाँ पर तो मन कर रहा था कि उतर कर पहले दूधसागर तक कि दूरी नाप ली जाये, और गोवा तो पहुँचते ही रहेंगे पर बच्चों का साथ होने के कारण अपने मन पर काबू किया और चल पड़े गोवा की  और को। जैसा कि हमारा होटल नॉर्थ गोवा कालांगूट में स्थित था तो हम लोग मडगाव में ही उतर गए और वहाँ पर हमारी पहले से रेंट में ली हुए टेक्सी भी आ गयी थी जिस पर बैठकर हमने गोवा की सड़कों को पार करते हुए ओस्बोर्न होटल पहुंचने का प्लान बनाया । गोवा  कि एक आम सड़क का दृश्य देखिये-
गोवा कि एक आम सड़क 

            इस तस्वीर से आप लोग गोवा कि स्वच्छता के बारे में जान  सकते हैं कि ये कितना साफ सुथरा बसा हुआ है ,तो इस तरह से हमारा गोवा भ्रमण आरम्भ हुआ। गोवा कि अन्य जानकारी के साथ अगली पोस्ट में मिलते हैं। तब तक के लिए आज्ञा दीजिये।
गोवा के सफर की सभी कड़िया एक साथ निम्नवत हैं-