Thursday 12 March 2015

Museum of Natural History and US Capitol ,Washington

                   मेमोरियल्स के दर्शन के बाद अब बारी थी म्यूज़ियम ऑफ़ नेचुरल हिस्ट्री,बोटैनिकल गार्डन एवं कैपिटोल  हिल की । यहाँ तक पहुँचते पहुँचते स्प्रिंग या हम अभी भाषा में कहें बसंत ऋतु की शुरुवात भी हो गए थी। वो ही पेड़ जो एक दम वीरान दिखते थे उनमे कोपलें फूटने लगी थी ,या यूँ कहिये कि बहारों का मौसम दस्तक दे रहा था ,गूनगुनी धुप के साथ पेड़ों में निकली हुयी कोपले बहुत सुन्दर लग रही थी एवं कहीं कहीं तो ट्यूलिप के सुंदर से फूल अपने सुर्ख लाल तथा बसंती पीले रंग की छटा बिखेरते हुए बसंत ऋतु के स्वागत के लिए व्याकुल लग रहे थे -
               


 
                 अब  जैसा कि विदित है वाशिंगटन शहर म्यूजियम के लिए विख्यात  है,और अभी तक हमने एक ही म्यूजियम के दर्शन करे हैं ,तो एक और म्यूजियम घूमना तो बनता ही है,सो इस पोस्ट की शुरुआत करते हैं म्यूजियम ऑफ़ नेचुरल हिस्ट्री के साथ। इसके बारे में आगे की जानकारी के लिए क्लिक करिये-
               ये म्यूज़ियम वाशिंगटन में एयर एंड स्पेस म्यूज़ियम के बाद बच्चों के द्वारा दूसरा सबसे ज्यादा देखे जाने वाला  म्यूजियम है , परन्तु यहाँ बच्चों के साथ साथ बड़ों के लिए भी मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक बहुत सी चीजें हैं,जिनसे हम अपने आसपास की दुनिया के बारे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । सबसे पहले अंदर प्रवेश करते ही हाथी  की एक बड़ी प्रतिमा के दर्शन होते हैं जो कि कुछ ऐसी थी


विशालकाय हाथी  जी 

इन तस्वीरों में हाथी जी के साथ तीन मंजिले इस म्यूज़ियम में मंडरा रही भीड़ के भी दर्शन हो जाते  हैं 
       इस विश्व  विख्यात म्यूज़ियम में पादप जगत,जीव -जन्तुओं ,जीवाश्म ,खनिज ,उल्का पिंड एवं मानव निर्मित सांस्कृतिक कलाकृतियों को मिलाकर लगभग एक सौ छब्बीस मिलियन स्पेसिमेन उपलब्ध हैं। अपनेआप में इतनी विविधता समेटे हुए इस म्यूज़ियम को निम्न भागों में विभक्त किया गया है -
१-खनिज एवं भौगोलिक विविधता को समेटे हुआ हॉल 
२-मानव प्रजाति की विविधता को संजोता हुआ हॉल 
३-डायनासोर प्रजाति 
४-स्तनधारी वर्ग 
५-इन्सेक्ट जू 
६-समुद्री जीवों की दुनिया 
७-तितलियो एवं पादप जगत 
८-मानव निर्मित एक्सिबिट्स 
                 इतनी विविधता को ये म्यूज़ियम कैसे अकेले संजोये होगा ये सवाल हमारे दिमाग में परे ही था ,क्योंकि.यहाँ इतना कुछ है कि देखने वाला एक महीना भी लगा ले तो भी सही से पूरा नहीं देख पाये ,सो हम जितना देख सके उतना काफी काम ही था ,यहाँ पर तितलियों का एक जू भी था जिसके लिए काफी महंगा टिकट पड़ रहा था सो हमलोगों ने उसे देखने का विचार ये सोच के छोड़ दिया कि  अपने देश में देख लेंगे किसी जगह पर। यहाँ की दुनिया के कुछ चित्र आपके लिए सलंग कर रहे हैं आनंद लीजिये -



हमारे पूर्वज बन्दर 


रेगिस्तान का जहाज ऊंट का विकास क्रम 

मेढक का विकास 
घटपर्णी पोधें का परिवार 

मॉडल्स एंड एक्सिबिट्स 

मॉडल्स एंड एक्सिबिट्स 

डायनासोर युग का वातावरण 
                   इतना सबकुछ देखने के बाद अब नंबर था बोटैनिकल गार्डन का,जिसके लिए हमारी कल्पना कुछ  ऐसी थी जैसे की खुले आसमान के नीचे  एक विस्तृत क्षेत्र में फैले हुए गार्डन  विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौंधे हों,शायद  ये धारणा इसलिए बनी  क्यूंकि मन में ऊटी का बोटैनिकल गार्डन बसा हुआ था,पर हमारी कल्पना  धरी की धरी रह गयी,प्रवेश द्वार पर  पहुँचे  तो ऐसा लगा जैसे किसी बड़े से पोली हाउस में  जा रहे हों।  ये तो रही प्रवेश द्वार की बात , हम लोग  एक ऐसी जगह पहुँचे थे जहाँ अलग अलग जगह पर अलग अलग तापमान दे कर हर तरह के  पेड़ पौधों को उगाया गया था ,मतलब कि पूरा कांसेप्ट ही अलग लगा,हम लोगों को ये कुछ ज्यादा पसंद नहीं आया। इसके बाद अगला नंबर था कैपिटोल  हिल का, जो कि बॉटनिकल गार्डन से लगा हुआ ही था, इस जगह का वाशिंगटन के राजनैतिक इतिहास में बड़ा ही महत्व है,और देखने के लिहाज से भी बड़ा सुन्दर है,सफ़ेद रंग की गुम्बदनुमा आकृति दूर से देखने पर  कुछ-कुछ ताजमहल सी भी लग रही थी। इसके कुछ दृश्य आप लोग भी देखिये -













               काफी देर हमलोगों ने यहाँ के लॉन में गुनगुनी धूप का आनन्द  लेने के बाद हम लोगों ने यहाँ से विदा ले ली,इसीके  साथ  आपलोग भी अनुमति दीजिये अगली पोस्ट में जल्दी ही  मिलने की कोशिश करते हैं। 


तीन महीने के अमेरिका प्रवास की समस्त कड़िया निम्नवत हैं-