किसी भी समुद्री छोर पे खड़े हो के सूर्यास्त देखने का महत्व ही अलग होता है,ये अंडमान में हमारा दूसरा दिन था और अभी तक हमें सूर्यास्त देखने का सुअवसर नहीं मिल पाया था, इसलिए अगला पड़ाव चिड़िया टापू पर सूर्यास्त देखना तो जरूरी ही हो गया था। चिड़िया टापू नाम से ऐसा लग रहा था जैसे समुद्र के बीचों बीच कोई टापू हो और उसपे चिड़ियाँओं का चहचहाना सुनाई देता हो हालांकि ये ग़लतफ़हमी कछ एक ब्लॉग्स को पढ़ने के बाद दूर हो गयी थी क्यूंकि ये भी एक समुद्री किनारा ही है,यहाँ पर बैठकर सूर्यास्त के समय पल पल रंग बदलते आसमान और समुद्र दर्शन के मजे ले सकते हैं। मार्च,२०१५ जिन दिनों हम अंडमान में सूर्यास्त का समय लगभग साढ़े पांच बजे का था,और वानडूर से निकलने में ही लगभग चार बज गया था। यहाँ से चिड़िया टापू की दूरी तीस किलोमीटर की थी जिसमे करीब आधे घंटे का समय तो लगना ही था,और रास्ते में कहीं रूक गए तो देर होना सम्भव ही था,मतलब बॉर्डर लाइन पर ही थे और इसके बाद भी हम एक दो जगह रूकने से खुद को रोक नहीं पाए,रूकने का कारण धीरे-धीरे खुदबखुद पता लग ही जायेगा। शुरुआत करते हैं सूर्यास्त-सन सेट के दृश्य के साथ -
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चिड़िया टापू के सूर्यास्त की एक झलक |
वानडूर से चिड़िया टापू तक के सफर के प्रारम्भ में तो शहर पार कर के जाना था तो कुछ खास नहीं लगा,पर अंडमान की साफ़ सुथरी सड़कें मन मोह रही थी। आगे बढ़ने पर रास्ते में कहीं कहीं इकट्ठे पानी को दिखा के ड्राइवर बोलता था देख लो ये सुनामी का पानी है, कई घर तो ऐसे खड़े थे कि उनमे जाने का रास्ता ही नही था और वो वीरान से पड़े थे।इन जगहों को देखकर समझ आ रहा था कि मनुष्य चाहें कितनी भी प्रगति कर ले हर हाल में वो प्रकृति के आगे बौना ही साबित होता है।
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सुनामी का पानी |
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सुनामी का पानी |
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सुनामी का पानी |
इस तरह की कई जगहों को देखके हम आगे बढ़ ही रहे थे कि चिड़िया टापू से कुछ किलोमीटर पहले से एक जंगल वाला इलाका शुरू हो गया और उसके बाद हम समुद्री रेखा के समानान्तर ही आगे बढे तो कई सारे नयनाभिराम दृश्य देखने को मिले और एक तो जगह तो गाड़ी से उतरने के बाद ही मन को शांति मिली। ऐसे ही कुछ दृश्य -
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अंडमान की साफ़ सुथरी सड़क ,और साथ में इकट्ठे पानी में होती बोटिंग |
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एक अन्य दृश्य |
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सड़क के समानान्तर शांत सा समुद्र |
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बाइक रोक के मजे लेते सवार |
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सूर्य देव अभी नारियल के पेड़ों के बीच लुका छिपी खेल रहे हैं। |
इन नजारों को देखते-देखते हम समय से चिड़िया टापू पहुँच गए,यहाँ पहुंच के एक अलग ही दृश्य देखने को मिला जिसकी मैंने कल्पना नहीं की थी,समुद्र से लगी हुई रेतीली जमीन पर बड़े बड़े पेड़ों के तने गिरे पड़े थे,जिन पर कलाकारी दिखा के बैठने के लिए कुर्सी मेजों का स्वरूप दिया गया था,आधुनिक तकनीक को दर्शाने के लिए बड़े से ठूंठ को खोखला कर के एक तरफ से लोग-इन एवं दूसरी तरफ से लोग-आउट का नाम प्रदान किया गया था। झूलने के लिए कई सारे झूले थे जिन में बच्चे तो बच्चे बड़े भी झूल रहे थे। हम इस पार्क को देखने में ही इतने व्यस्त हो गए कि थोड़ी देर के लिए ये भूल ही गए कि हम एक समुद्री छोर पर खड़े हैं और सूर्यास्त देखने आये है,जितनी चीजें थी यहाँ उतनी तस्वीरें नहीं ले पाये फिर भी एक दो -
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पेड़ के तनो से बनी बेंच |
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एक और सीट आउट, पीछे कुछ लोग झूला भी झूल रहे हैं। |
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पेड़ का वो तना जिस पर लोग आउट और लोग इन अंकित है |
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लोग इन |
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लोग आउट |
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यहाँ तक कि डस्टबिन भी लकड़ी का बना हुआ था। |
वुडन सीट आउट से आगे बढे तो शांत सा समुद्र दिखाई दिया,जिसमे लहरें है के बराबर थी,और समुद्र में जब थोड़ा पानी आगे को आ रहा था छोटे छोटे पेड़ों को अपने आगोश में ले रहा था ,जिन्हे देख के ऐसा लग रहा था जैसे इनका उद्गम ही पानी से हुआ हो,बहुत अच्छे दृश्य यहाँ पर देखने को मिले। अंडमान का हर बीच अपने में अलग दृश्यों को समेटे हुए हैं। किसी भी हालत में एक बीच की तुलना दूसरे से नहीं कर सकते। हर एक की अलग खासियत है। कुछ इस तरह के दृश्य देखने को मिले-
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शायद ये पेड़ पानी में ही उगे हों ऐसा लगता है मुंडा पहाड़/चिड़िया टापू बीच |
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पानी के आगोश में ये पेड़ मुंडा पहाड़/चिड़िया टापू बीच |
इतना देखते देखते कब सूर्यास्त का समय हो गया पता ही नहीं चला,और देखते ही देखते पहले आसमान और समुद्र दोनों ने हल्का नारंगी रंग ले लिया पता ही नहीं चला। हर पल ये लाल नारंगी रंग अपने अलग अलग रूप दिखा रहा था। एक पल को तो आसमान और समुद्र दोनों सिन्दूरी हो गए, ये पल यहाँ बिताये समय में सर्वश्रेष्ठ था। हालाँकि हम लाल गोले के समान सूर्य का दृश्य तो नहीं देख पाये पर जो दिखा उसे भी किसी हालत में काम नहीं आँका जा सकते थे।देखिये कुछ सूर्यास्त के नज़ारे हमारे साथ -
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सन सेट @ चिड़िया टापू |
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सन सेट @ चिड़िया टापू देखने वाले पर्यटक |
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सन सेट @ चिड़िया टापू |
अंडमान का सफर एक नजर में -
गज़ब के फोटो हैं अंडमान के ! यात्रा का पूरा लुत्फ़ लिया है आपने , फोटो बहुत कुछ बयान कर रहे हैं और पेड़ के तनो से बनी बेंच वाला फोटो तो बहुत ही खूबसूरत लग रहा है ! सुंदर यात्रा वर्णन लिखा है आपने
ReplyDeleteसुंदर लेख और तस्वीरें
ReplyDeleteग़ज़ब का सूंदर चिड़िया टापू
ReplyDeleteग़ज़ब का सूंदर चिड़िया टापू
ReplyDeleteवाह ! बहुत सुंदर फोटो । सन सेट का नजारा बेहद खूबसूरत । लाजवाब संस्मरण । बहुत खूब ।
ReplyDeleteवाह ! बहुत सुंदर फोटो । सन सेट का नजारा बेहद खूबसूरत । लाजवाब संस्मरण । बहुत खूब ।
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