Tuesday 28 March 2017

Chamunda temple,Mysore, Karnataka

         गोलकोंडा की महाकाली के दर्शन के बाद अब चलते हैं कर्नाटक राज्य के मैसूर में स्थित चामुंडा देवी का आशीष पाने के लिये। चामुंडी पहाड़ी के पश्चिम में सात सौ सत्तर मीटर की ऊंचाई पर दक्षिण के पठार पर बसा मैसूर कावेरी और कबिनी नदी के बीच स्थित है। यह शहर पुरातन सभ्यता और आधुनिकता दोनों को अपनेआप में एक साथ समेटे हुए है। मैसूर चन्दन,सिल्क और अपने बगीचों के लिए जाना जाता है।एवं पर्यटन के लिए अपने में बहुत से आकर्षणों को समेटे हुए है। देश- विदेश से यहाँ लोग घुमने के लिए आते हैं तथा यहाँ के दशहरे का तो कहना ही क्या है। लेकिन आज हम चलेंगे  चामुंडी हिल्स ।
           चामुंडी हिल्स  मैसूर से तेरह किलोमीटर कि दूरी पर स्थित है,इस पहाड़ी कि चोटी पर माँ चामुंडा का मंदिर है। बारहवीं शताब्दी में बना ये दुर्गा मंदिर  महिसासुर राक्षस पर देवी माँ की  विजय का प्रतीक है। इस सात मंजिला मंदिर की ऊंचाई चालीस मीटर है एवं यहाँ पर महिसासुर की  एक बहुत बड़ी प्रतिमा रखी हुयी है।यहाँ से मैसूर के बहुत ही मनोरम द्रश्य दिखाई पड़ते हैं। 

              यहाँ से उतरते हुए रस्ते में नंदी बैल के दर्शन हुए। उसकी विशालता के बारे में बताने के लिए तो मेरे शब्द ही कम पड़ रहे है,बार बार  यही लग रहा था कि बनाने वाले ने कैसे बनाया होगा इसे। वहां पर रखे कुछ और बड़ी शिलाओं को देखकर अनुमान लगाया कि शायद ऐसी ही कोई बड़ी सी ग्रेनाइट की  शिला होगी जिस पर नंदी की आकृति को उतरा गया होगा।
रास्ते से दिखता मैसूर का द्रश्य 


एक अन्य नजारा  
महिसासुर की विशालकाय प्रतिमा 


 माँ चामुंडा का मंदिर
नंदी बैल।

7 comments:

  1. विशालता के बारे में बताने के लिए तो मेरे शब्द ही कम पड़ रहे है ! शब्द तो सच में कम लग रहे ! फोटो बहुत कुछ कह रहे हैं !!

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  2. करीब २७ साल पहले की याद ताज़ा करा दी आपने ... आज भी वैसे ही सुन्दर लग रहा है ये मंदिर और ये महिषासुर की प्रतिमा ...

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  3. बहुत बढ़िया दीदी।

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