बैंगलोर से ऊटी जाने के लिए ३ दिन का समय पर्याप्त है। हम लोग समयाभाव के कारण २ दिन और २ रात के लिए गए थे। अपने प्रोग्राम के मुताबिक हम लोग प्रातः ५:३० पर घर से निकल पड़े। तत्पचात गाड़ी में पेट्रोल भरवाया और अपने गंतव्य की ओर रवाना हुये। बानेरघत्टा रोड क्रॉस करते हुए मैसूर हाईवे पर गाड़ी चल रही थी। सुबह सुबह कोई ट्रैफिक न होने और सुहावने मौसम के कारण रास्ता और भी लुभावना लग रहा था और गाड़ी की स्पीड १ ० ० किमी /घंटा से ऊपर ही थी। यात्रा के बारे में विस्तार से पढने के लिए क्लिक करिए-
गुन्द्लुपेट (gundlupet) पहुँचने के बाद शुरुवाती ७-८ किमी तक सड़क उतनी अच्छी नहीं थी तो बांदीपुर जंगल का आनंद उठाते हुए धीमे धीमे लक्ष्य की और बढ़ रहे थे।साथ में बारिश होने से तो सफ़र का आन्नद और भी बढ़ ही गया था। इस तरह से बांदीपुर में जानवरों के दर्शन करते हुए हुए हम ठेपकाडू (thepakadu ) पहुंचे जो की तमिलनाडु का बॉर्डर और मदुमलाई वाइल्डलाइफ संक्टुँरी का गेट है।
मसिनागुडी रोड और गुडलूर रोड के आपस में मिलने के बाद ऊटी मात्र ७ किमी रह जाता है। हम तकरीबन १२:३० बजे ऊटी पहुँच गए थे। अगले भाग में पढ़ेंगे ऊटी के दर्शनीय स्थलों के बारे में।
ऊटी श्रंखला की समस्त पोस्ट-
Road trip to Ooty बैंगलोर से ऊटी की यात्रा
Ooty ,The Red hills-ऊटी भ्रमण
Scenic Connor-कुन्नूर की चाय बागान
करीबन ७ बजे हम मांड्या पे थे। प्रोग्राम के मुताबिक तो हमें मैसूर के कामत मधुवन पर ब्रेकफास्ट के लिए रुकना था , पर चाय पीने का अत्यधिक मन होने के कारण हम मंड्या पर ही रुक गये। यहाँ पर इडली -डोसा और चाय पीने के बाद आगे को रवाना हुए। लगभग पूरा रास्ता ही खाली था और आराम से चलते हुए हम लोग प्राकतिक द्रश्यों का लुफ्त उठा रहे थे।
मैसूर से बांदिपुर का रास्ता |
बांदीपुर से पहले का नजारा |
बांदीपुर से पहले ही बन्दर दिखने लगे |
बारिश के साथ रास्ते का एक नजारा |
बारिश का आन्नद |
हाथी मेरे साथी |
हरी घास के बीच मोर का दिखना मुश्किल |
बादलों से घिरे हुए ऊटी का नजारा |
ऊटी का द्रश्य रस्ते से |
ठेपकाडू से मदुमलाली होते हुए सीधा रास्ता ऊटी की और जाता है। सभी बड़ी गाड़ियाँ और बस इसी रास्ते से जाती हैं। हम यहाँ से लेफ्ट लेते हुए ऊटी- मसिनागुडी रोड पर आगे बढे। ये रास्ता पिछले वाले से ३ ० किमी छोटा था। शुरुवात में ६ किमी घने जंगल से गुजरती हुयी संकरी सी रोड थी पर मसिनागुडी से थोडा पहले रोड की हालत थोडा सुधर गयी। थोड़ी ही देर में हमने मवंल्ला( mavanalla ) क्रॉस कर लिया जो की नीलगिरी पहाड़ की तलहटी है। ये जगह ३ ६ हेयर- पिन बैंड वाले पहाड़ की शुरुवात है। पूरा १४ किमी का रास्ता इधर उधर देखते और मोडों को गिनते हुए निकल गया। यहाँ पर सभी जगह मोडों को मार्क किया गया है, हम तो बस एक बार मोड़ शुरू होने के बाद ख़त्म होने तक बस गिन ही रहे थे की किसी तरह ख़त्म हो जाएँ।। ये एक अति रोमांचक अनुभव था। कुछ रस्ते में लिए गए चित्र सलंग है।
रस्ते के हेयर पिन बैंड |
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हेयर पिन बैंड |
चिन्हित हेयर पिन बैंड |
रोड का एक द्रश्य |
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Road trip to Ooty बैंगलोर से ऊटी की यात्रा
Ooty ,The Red hills-ऊटी भ्रमण
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road ka drishya bahut achcha hai
ReplyDeleteरेड हिल के नाम से मशहूर ऊटी बहुत ही सुन्दर है,तो रास्ते भी बढ़िया हैं।
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Deleteधन्यवाद
ReplyDeleteजिंदगी एक सफर है सुहाना।
ReplyDeleteजब तक दम है तब तक कर लो सैर दुनिया की
DeleteNice post Harshita ji. Pictures are also good. Keep it up.
ReplyDeleteThank u
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर और हराभरा रास्ता है ! ऐसी रोड ट्रिप में थकान नही होती बिलकुल भी ! बढ़िया यात्रा वृतांत लिखा है आपने हर्षिता जी
ऐसे रोड ट्रिप में थकान की तो गुंजाईश ही नहीं है,वरन और ऊर्जा का संचार होता है
Deleteहर्षिता जी मैं भी दिसंबर 22 2015 को मैसूर से ऊटी सड़क के रस्ते से गया।आपकी पोस्ट ने याद ताज़ा कर दी।आगे भी ऐसी जानकारी देते रहिएगा।
ReplyDeleteहर्षिता जी मैं भी दिसंबर 22 2015 को मैसूर से ऊटी सड़क के रस्ते से गया।आपकी पोस्ट ने याद ताज़ा कर दी।आगे भी ऐसी जानकारी देते रहिएगा।
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