Tuesday 11 October 2016

Ramoji Film City

              फंडूस्तान के बाद अब चलते हैं, रामोजी की भव्य फिल्मी सेट्स वाली नगरिया में। जहाँ सामने से दिखाई देता है मुग़ल गार्डन, और भव्यता के क्या कहने, देखो तो लगता है कि असली वाला मात खा जायेगा इसके आगे । यहाँ से बस ले के जाती है जयपुर के महलों में, ये महल थोडा उंचाई पर बना है और यहाँ से फिल्म सिटी का अविस्मरणीय द्रश्य दिखता है। महल से नीचे उतरते ही एक तरफ कात्यानी गार्डन है और वहां से आगे बढ़ो तो एक तरफ जापानी  गार्डन नजर आता है एवं  दूसरी दिशा में  सैक्चुरी गार्डन,इस गार्डन में तार के खांचों पे घास की कतरे चढ़ा कर विभिन्न आकृतियाँ बने गयी है, यहाँ जिस दिशा में नजर डालो वहां हरे - हरे जानवर दिखाई पड़ते है यहाँ पर तो.उसके बाद लास्ट में करिज्मा गार्डन देखा यहाँ पर चहूँ और फूल ही फूल देखने को मिले और सामने बनी हुयी सड़के तो ऐसी थी की लगता ही नहीं कि हम भारत में ही घूम रहे हैं।

           इस समय हम फंडुस्तान के समीप उस जगह पर खड़े  थे, जहाँ पर हमें फ़िल्मी सेट्स के दर्शन के लिए ले जाने वाली बस में बैठना था। बस के आते ही जल्दी जल्दी में गाड़ी में सवार हो गए। इस बस में खुली खिड़कियां होती हैं जिनसे बाहर के दृश्यों को आसानी से देख सकते हैं। सबसे पहले गाड़ी को संचालित करने वाले व्यक्ति ने परिचय देते हुए मुग़ल गार्डन के दर्शन कराये। बाहर से देखने में तो ये मुग़ल गार्डन लगता है लेकिन अंदर जाने पर मैसूर के वृन्दावन गार्डन जैसा लगता है। यहाँ से घूम कर हमें पांच मिनट में नीचे मिलने को कहा गया और साथ में धमकी भी दी गयी अगर नहीं आए तो नहीं छोड़ दिया जाएगा। वैसे तो जब टाइम लिमिट बताई गई है तो समय से लौट आना ही उचित होता है लेकिन पता नहीं क्या सोच के  हमने बस छोड़ दी और इसके बाद अब हमको अपने हिसाब से ही घूमना था तो चल पड़े दो पैरों की सवारी पे। अभी हमने इन  फ़िल्मी सेट्स को अपने हिसाब से देखना शुरू ही किया था कि ताबड़तोड़ वर्षा  शुरू हो गयी। अब मरता क्या ना करता वाली हालात थी तो खड़े हो के भीगने  से अच्छा घूमते हुए भीगना अच्छा लगा।इस समय हम रामोजी फिल्म सिटी की उन सड़कों में घूम रहे थे जिनमे खड़े हो के ये अहसास ही नहीं होता कि हम अपने ही देश में हैं, फर्जी इंटरनेशनल हवाई जहाज ने बैठे बैठे हमें विदेश पहुँचा दिया था। इन सबके बीच हमें रामोजी के मख्य गेट से आने वाली एक बस मिल गयी और उसने हमें एक बार फिर से फंडूस्तान में ला पटका। यहाँ से एक बार फिर से हम बस के गाइडेड टूर में शामिल हो गए। 
  
बस जिसमे बैठकर गाइडेड टूर कराते हैं,इसकी खुली खिड़कियों से अच्छे से सेट्स दिख जाते हैं। 
पुराने रामायण- महाभारत की शूटिंग यहीं हुयी थी। 
कुछ कुछ ऊटी के बोटैनिकल गार्डन सा। 
कात्यानी गार्डन। 
सैक्चुरी गार्डन

जगह जगह रास्ते में इस तरह की कलाकृतियां बनाई गयी हैं। 

देश में विदेश का अनुभव। 
करिज्मा गार्डन ( ये जापान में है )
गाँव का एक घर। 
ये नकली हैं। 
गाँव का बाजार 
           इसके बाद बस ने बारिश रुकने पर कुछ इस तरह के  सेट दिखाए, जैसे हॉस्पिटल -यहाँ हम बिना पैसे का इलाज तो करा सकते हैं पर डॉक्टर की और ठीक होने की कोई गारंटी नहीं, बड़ी-बड़ी इमारते, अब फ़िल्मी नायिका इन इमारतों में रहेगी तो नायक के लिए बनाये हुए चालनुमा घर, एअरपोर्ट और तो और इन्टर-नेशनल जहाज भी मौजूद थे। इसके बाद हम पहुंचे स्टंट शो वाली जगह पर, शो देखा तो सही पर उतना मजा नहीं आया जितना सोच के गए थे, लग नहीं रहा था कि ये किसी मूवी का द्रश्य है। यहाँ पर ऐसे मंदिर भी दिख जाते हैं जिनमे भगवान नहीं होते ,आश्चर्जनक है न बिना भग वान का मंदिर। ऐसा इसलिए कि  पिक्चर के द्र्श्य के हिसाब से पुजारी के साथ भगवान् की मूर्ति बदल दी जाती है। भगवान् भी अपने भक्तों के साथ कार में बैठकर आते हैं। यहाँ आने का बाद ऐसा नहीं हो सकता कि कोई जगह रह जाये देखने से, क्यूंकि बस जहाँ से आती है, उस रास्ते वापस नहीं जाती इसलिए सबकुछ अपने आप ही दिख जाता है।
              अब अंतिम जगह है  रामोजी मूवी मैजिक। जहाँ पर भी एक लम्बी लाइन लगाने के बाद ही पहुंचा जा सकता है। यहाँ शो के पहले भाग में फिल्म सिटी के इतिहास के बारे में बताते हैं,तो दूसरे  में  दिखाया जाता है कि रुपहले परदे में कितनी आसानी से उन आवाजों को निकल जाता है जिन्हें मूवी में देख कर हम डरते हैं। इसके बाद भूकम्प जोन में थ्रीडी की सहायता से भूकम्प भी दिखाया जाता है।जब तक ये जादू चलता है देखने वालों की हालत पतली हो जाती है और शो ख़त्म होते ही हंसी के ठहाके गूंजने लगते हैं।
         तो कुल मिलकर रामोजी फिल्म सिटी आने से एक दिन में ही इतना कुछ देखने को मिल जाता है, जितना हम सालों-साल कई जगहों पर जा कर भी नहीं देख सकते। इस तरह से रामोजी फिल्म सिटी की सैर को यहीं पर विराम देते हुए अगली कड़ी में मिलते हैं चारमीनार पर। 

10 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।

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  2. गज़ब की जगह है ! सब कुछ यहीं देखने को मिल जाता है , फोटो बहुत अच्छे हैं लेकिन कम हैं मेरे लिए !!

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  3. वाह ! हमने भी आपके साथ घूम लिया ।

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  4. वाह ! हमने भी आपके साथ घूम लिया ।

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  5. देश में विदेश का अनुभव शानदार रहा। आपके साथ हम भी घूम लिए।

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  6. बहुत बढिया, घुमक्कड़ी चलती रहे।

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  7. बहुत बढिया, घुमक्कड़ी चलती रहे।

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  8. गज़ब की जगह है ..

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  9. waah! agla trip wahin ka hoga ............bss socha hai. aapne to ghuma hi diya hai. jio :)

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