मैजिक किंगडम!!! यहाँ का नाम सुनते ही मन में सबसे पहले ये सवाल आया कि आखिर ऐसा क्या जादुई है यहाँ जो इसका नाम ही मैजिक किंगडम रख दिया। लेकिन यहाँ कदम बाद में पड़े और इस सवाल का जवाब पहले मिल गया कि ये जगह सच में जादुई नगरी ही है जहां पहुँच कर बच्चे तो बच्चे बड़ों का मन भी बच्चा बन जाता है। ये जादुई नगरी अपने आप में इतनी बड़ी है कि एक दिन में इसे देखना तो क्या ये कितने भागों में विभक्त है ये पता लगाना भी असम्भव सा ही है !! देखिये इस जादुई नगरी के कुछ हिस्से यहाँ हम जा पाए-
१-एडवेन्चरलैंड
२-फैंटेसीलैंड
३-मैन स्ट्रीट
४-लिबर्टी स्क्वायर
टिकट लेने के बाद जैसे ही अंदर पहुँचो तो सबसे पहले गमैन स्ट्रीट के नाम की गली पर नजर जाती है !! ये गलियारा अपने नाम के अनुरूप ही भीड़भाड़ से भरा हुआ और चहल-पहल वाला है। यहाँ बच्चों के लिये स्ट्रोलर भी लाइन से खड़े थे जो कि किराये में दिये जा रहे थे !! पंद्रह डॉलर की कीमत चूका कर एक स्ट्रोलर हम लोगों ने भी दिन भर के लिये ले लिया !! इस स्ट्रीट से यहाँ का मुख्य आकर्षण-सिंड्रैला का महल आसानी से देखा जा सकता है। बचपन में सिंड्रैला और उसकी सौतेली माँ की कहानी सुना करते थे, आज उसके महल का रूप भी देख लिया।
मैन स्ट्रीट में होने वाली परेड को देखते देखते हम फैंटेसीलैंड पहुँच गये !! फैंटेसीलैंड एक छोटा थीम पार्क है जो कि डिज्नी द्वारा बनाई गयी बालचित्र कथाओ या कहिये कार्टून सीरियल्स और मूवीज की थीम पर आधारित है। यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण अट्ठारह महीने की कड़ी मेहनत से बनाया गया सिंड्रेला का महल है। रात के समय इसी महल मे आतिशबाजी की रौशनी के बाद सिंड्रेला के जीवन पर चित्रत साउंड एंड लाइट शो दिखाया जाता है। ये महल मैजिक किंगडम के मध्य में स्थित है। इसके बाद का अगला आकर्षण इट्स स्मॉल वर्ल्ड है!! ये एक तरह की पानी की राइड (झूला) है जिसमे अंधेरे में एक एक नाव की सवारी करायी जाती है!! बच्चों की इस दुनिया में चमकदार एवं आकर्षक रंगों से बने कपड़ों में सजी हुयी तीन सौ गुड्डे-गुड़ियाओं को झूमता और नाचता हुआ दिखाया जाता है और बैकग्राउंड में इट्स स्माल वर्ल्ड का मधुर संगीत बजता है। कुल पल के लिये तो इस माहौल में हम भी बच्चे ही बन गये थे और सान्वी तो लगभग इस दुनिया में खो ही गयी थी। बार-बार मन में ये मलाल हो रहा था कि काश ये थोड़ा बड़ी होती तो उसे भी ये सब याद रहता है। इस जादुई दुनिया के कुछ दृश्य-
१-एडवेन्चरलैंड
२-फैंटेसीलैंड
३-मैन स्ट्रीट
४-लिबर्टी स्क्वायर
टिकट लेने के बाद जैसे ही अंदर पहुँचो तो सबसे पहले गमैन स्ट्रीट के नाम की गली पर नजर जाती है !! ये गलियारा अपने नाम के अनुरूप ही भीड़भाड़ से भरा हुआ और चहल-पहल वाला है। यहाँ बच्चों के लिये स्ट्रोलर भी लाइन से खड़े थे जो कि किराये में दिये जा रहे थे !! पंद्रह डॉलर की कीमत चूका कर एक स्ट्रोलर हम लोगों ने भी दिन भर के लिये ले लिया !! इस स्ट्रीट से यहाँ का मुख्य आकर्षण-सिंड्रैला का महल आसानी से देखा जा सकता है। बचपन में सिंड्रैला और उसकी सौतेली माँ की कहानी सुना करते थे, आज उसके महल का रूप भी देख लिया।
सिंड्रेला का महल |
परेड का एक दृश्य |
परेड का एक दृश्य |
इस तरह की नाव में बैठा कर अँधेरी सुरंग में बच्चों की दुनिया की सैर करते हैं। |
जादुई नगरी के सदस्य |
जादुई नगरी के कुछ और सदस्य |
नाचती गाती गुड़ियाँ |
बाय कहने के अलग अलग तरीके। |
जादुई नगरी के कुछ और सदस्य |
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चित्र गूगल द्वारा साभार |
अब बारी है एडवेन्चरलैंड की, यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में जंगल क्रूज र दूसरा सात बौनो की गुफा है। तो लग जाते हैं जंगल क्रूज वाली लाइन में!! पर ये क्या ये तो जितनी बाहर से दिख रही थी उससे कई गुना ज्यादा निकली !! शायद ही कोई बच्चा ऐसा हो जिसने बचपन में रविवार की सुबह दूरदर्शन पर आने वाला सीरियल जंगल बुक मिस किया हो और मोगली को तो हम चाह कर भी नहीं भुला सकते !! जी हाँ ये राइड उसी जंगल बुक सीरियल पर आधारित है। तो मोगली को याद करते करते हमारा समय कट ही गया और हमको लेने एक छोटी सी नौका आ गयी जिसे देख कर एक पुराने बाल सीरियल का गान याद सा आ रहा था और वो था अगर मगर डोले नैया ,लहर लहर जाये रे पानी ,डूबे न डूबे न मेरा जहाजी,डोले रे डोले रे इसी के साथ हम नौका पे सवार होकर चल पड़े। यहाँ पर पानी के साथ साथ बने हुवे जंगल के वातावरण में मोगली का हर एक साथी हमें मिल ही गया !! सच कहूं तो बचपन वाला रविवार एक बार फिर नजरों के सामने आ गया !! इन कुछ पलों में ना जाने बचपन के कितने साल जी लिये होंगे मैंने!! चलती नौका से कोई खास अच्छे चित्र नहीं ले पाये फिर भी कुछ आप के लिए हाजिर हैं -
जंगल बुक के बाद हमारी यादों की कतार में जिसका अगला नंबर था वो थी हमारी प्यारी और अपनी सौतेली माँ की सताई स्नो वाइट!! हर बच्चे ने स्नो वाइट की कहानी जरूर सुनी होती है किस तरह से स्नो वाइट की सौतेली माँ उसे ज्यादा सुन्दर होने के कारण बहुत तंग करती है और वो अपनी जान बचने को सात बौनों की गुफा में जाकर रहने लगती है लेकिन उसकी माँ वहां भी उसे नहीं छोड़ती है और बहाने से उसे जहरीला सेब खिला देती है!! उसके बाद बौने किसी प्रकार से उसके प्राणो की रक्षा करते हैं। स्नो वाइट की इसी दर्द भरी दास्तान को इस राइड में दिखाया गया है !! ये भी एक पानी की ही राइड है जिसमे एक नाव में बैठा कर पानी के बहाव के साथ सात बौनों की गुफा के दर्शन कराये जाते हैं।
इतना सब देखते हुए काफी समय निकल गया था अब ज्यादा कुछ करना संभव नहीं था कुछ एक राइड्स को छोड़के क्यूंकि यहाँ के मुख्य आकर्षण सिंड्रेला के महल के पास होने वाली आतिशबाजी एवं साउंड एंड लाइट शो देखने के लिए एक अच्छी सी जगह भी रिज़र्व करके रखनी थी। फिर भी थोड़ा टाइम था तो एक बार फिर फैंटेसीलैंड की और चल पड़े। वहां पीटर पैन की फ्लाइट और मिकी फ़िलहार के जादू दोनों के लिए प्रतीक्षा समय अभी भी बहुत ज्यादा ही था। तो मन मार के कहीं और के लिए निकल रहे थे तभी पता कि फास्टपास नाम की भी कोई चीज होती है जिससे प्रतीक्षा का समय थोड़ा कम हो जाता है ज्यादा से ज्यादा और कम से कम तीन राइड्स का पास एक दिन में ले सकते थे तो हम भी जल्दी से जा करके तीन राइड्स का पास ले लिए जिसमे एक स्मॉल वर्ल्ड का भी ले लिया,हालाँकि इसे हमलोग कर चुके थे,परन्तु हमारे पास सिर्फ दो राइड्स का ही समय था और तीसरा नाम मात्र के लिए लेना था। पीटर पैन की फ्लाइट में हवाई में उडा करके पीटर के कारनामों के दर्शन कराये गए उसीके पास में वहीँ मिकी फिलहार वाली राइड एक थ्री डायमेंशनल शो चल रहा था जिसमे मिकी और उसके साथी अपने जलवे दिखा रहे थे!!थ्री डी देखने वाले चश्मे की सहायता से ऐसा लगा रहा था कि मानो वो आपके सामने ही हवा में उड़ रहे हो,और शो की समाप्ति पर डोनाल्ड डक ने दर्शन दे के धन्य कर दिया था।
इतनी राइड्स को देखते देखते साढ़े नौ ही बज गया और अब मुख्य स्ट्रीट में ठीक ठाक सी जगह देख के बैठना थोड़ा मुश्किल सा ही लगने लगा पर फिर भी एक जगह जहाँ से आतिशबाजी अच्छे से दिख जाये वहां पर हम बैठ ही गए!! वास्तव में यहाँ पर होने वाली आतिशबाजी बहुत ही अच्छी लगी। कैमरा रात के समय अच्छी तस्वीरें नहीं निकलता इसलिए आराम से बैठ कर आनंद उठाया। आतिशबाजी के बाद हुए साउंड एंड लाइट शो ने तो सिंड्रेला की कहानी को आँखों के सामने में ला खड़ा कर दिया। इस प्रकार से मैजिक किंगडम की जादुई दुनिया में एक बार फिर अपना बचपन जीने के बाद अब फिर से अपनी दुनिया में लौटना भी जरूरी था इसलिए दो बस बदल कर रात के बारह बजे होटल पहुंचे। मैजिक किंगडम की जादुई दुनिया के सफर के बाद अगली पोस्ट में मिलते हैं सी वर्ल्ड में,तब तक के लिए आज्ञा दीजिये।
हाथियों की टोली |
कुछ अन्य सदस्य |
कुछ अन्य सदस्य |
एक बार फिर हाथियों की टोली |
सात बौनों की गुफा का बाहरी दृश्य |
एक दृश्य अंदर का भी |
ये है फास्टपास |
ये है सिन्ड्रेला का महल रात में। |
तीन महीने के अमेरिका प्रवास की समस्त कड़िया निम्नवत हैं-
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (22-05-2015) को "उम्र के विभाजन और तुम्हारी कुंठित सोच" {चर्चा - 1983} पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
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मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद
Deleteसच कहूँ तो किसी फैंटसी दुनिया जैसा लगता है ! अद्भत और अकल्पनीय ! चित्र बहुत शानदार और रोमांचित करने वाले हैं ! आपके ब्लॉग में बहुत कुछ नया जानने और समझने को मिलता है हर्षिता जी !
ReplyDeleteजी हाँ योगी जी यहाँ जाने से पहले मैंने भी कभी इस तरह की दुनिया की कल्पना नहीं की थी
Deleteखूबसूरत चित्रों के साथ
ReplyDeleteखूबसूरत यात्रा-विवरण.
मैजिक किंगडम की जादुई दुनिया को देखकर मजा आ गया।
ReplyDeleteसच कहूँ तो ये पोस्ट मुझे बहुत पसंद आई आपके इस पोस्ट के साथ हम भी मैजिक किंगडम की जादुई नगरी में डूब से गये गये | किंगडम के विविध प्रकार के चित्रों ने सम्मोहित सा क्र के रख दिया | अब एक सवाल .... इस किंगडम को देखने में आपका कितना खर्चा आ गया होगा.....
ReplyDeleteपोस्ट अच्छी लगी....
रितेश जी प्रति व्यक्ति सौ डॉलर का खर्चा आया था जो कि हमलोगों के हिसाब से ज्यादा था परन्तु वहां के नागरिकों के लिए य कीमत मामूली है
Deleteदोनों पोस्ट साथ पढ़ीं। मैजिक किंगडम तक पहुंचने और उसे आपकी नज़रों से देखने का अवसर मिला, धन्यवाद !
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