बोनस के रूप में मिले चिकमंगलूर के बाद फाइनली आज हम सकलेशपुर की सैर पर निकलने वाले थे। पहले दिन से बहुत थके होने के कारण सुबह आँख देर से ही खुल पायी। फिर सोचा दिनभर काफी घूमना है तो ब्रेकफास्ट होटल से ही करके चलते हैं जिससे फिर खाना मिले ना मिले तो कोई टेंशन ना रहे। इस समय साथ में एक ही जगह तीन छोटे बच्चे थे तो टाइम ज्यादा लगना अवश्यम्भावी था। इसलिए हम अच्छे से खा पीकर नौ बजे होटल से निकले। दोनों गाड़ियाँ एक दूसरे का साथ निभाते हुये आगे बढ़ रही थी।
Monday, 5 December 2016
Friday, 2 December 2016
Chikmaglur: Land Of Coffee
Travel date-9th October 2016
दक्षिण भारत के इन प्रसिद्ध मंदिरों की स्थापत्य कला के दर्शन करते करते दोपहर हो गयी थी। अब तक सूर्य भगवान शायद क्रुद्ध अवस्था में आ चुके थे और बड़े बड़े पत्थरों से शोभायमान आँगन इतना तप गया था कि पैर जमीन पर रखना मुश्किल हो गया। जल्दी जल्दी इस गर्म प्रदेश से से हम चिकमगलूर के लिए रवाना हुए, वैसे जल्दी भी क्या कहा जाये बारह तो बज ही गया था। साउथ में बहुत हिल स्टेशन हैं लेकिन उत्तराखंड के निवासियों के लिए यहाँ के हिल स्टेशन उतना अधिक आकर्षण वाले नहीं होते हैं, अभी तक तो यही लग रहा था कि बस जाना है किसी पहाड़ी जगह।
दक्षिण भारत के इन प्रसिद्ध मंदिरों की स्थापत्य कला के दर्शन करते करते दोपहर हो गयी थी। अब तक सूर्य भगवान शायद क्रुद्ध अवस्था में आ चुके थे और बड़े बड़े पत्थरों से शोभायमान आँगन इतना तप गया था कि पैर जमीन पर रखना मुश्किल हो गया। जल्दी जल्दी इस गर्म प्रदेश से से हम चिकमगलूर के लिए रवाना हुए, वैसे जल्दी भी क्या कहा जाये बारह तो बज ही गया था। साउथ में बहुत हिल स्टेशन हैं लेकिन उत्तराखंड के निवासियों के लिए यहाँ के हिल स्टेशन उतना अधिक आकर्षण वाले नहीं होते हैं, अभी तक तो यही लग रहा था कि बस जाना है किसी पहाड़ी जगह।
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