इस ट्रिप के बारे में पढ़कर आपको इस बात का अंदाजा तो हो ही जायेगा कि हम दोनों किस तरह के घुमक्कड़ है।अब बताते हैं किस तरह ये प्लान अचानक से बन गया। शनिवार को दिन भर घप बैठ कर बोर होने के बाद सोचा अब कुछ ओर तो किया नहीं जा सकता और कहीं घुमने जाने का समय भी निकल सा ही गया था तो यूँ ही गाड़ी में बैठ कर निकल पड़े थे होसूर की ओर को।काफी देर यूँ ही इधर उधर करने के बाद जब घर वापस आने का समय हो गया था तब ही अचानक से प्रस्ताव आया चेन्नई चलती है और बस मन बना लिया कि चलते ही हैं।साथ के साथ चेन्नई में रहने वाले एक दोस्त को कॉल करके पक्का कर लिया कि वो घर पे है या नहीं।फिर अब जैसा की लोकल घुमने के इरादे से निकले थे तो पास में पैसा भी पर्याप्त नहीं था तो एटीएम जा कर के पैसा निकाला और पास की एक दूकान से पीने का पानी और खाने के लिए कुछ सामान पैक करा लिया क्यूंकि रास्ते में बार बार रुकने का समय हम लोगों के पास नहीं था पहले ही साधे छह बज गया था तो बस इसी समय हम निकल पड़े चेन्नई की ओर को।तो चेन्नई ट्रिप के बारे में ज्यादा पढने के लिए क्लिक करिए-
अब आपको बैंगलोर से चेन्नई की दूरी का अंदाजा करा देते हैं,कुल जमा तीन सौ पैतालीस किलोमीटर।यूँ तो हाईवे अच्छा तो है पर जगह-जगह पर मिलने वाले डायवर्जनस शायद लगभग हर पांच सौ मीटर पर तो होंगे ही तो इस तरह से हम लोग रात को बारह बजे तक ही पंहुच पाए और जा कर के गरमा-गरम पुलाव खा कर के एक बजे के ऊपर ही सो पाए।बैंगलोर में रहने की आदत होने के कारण गर्मी भी कुछ ज्यादा ही लग रही थी इसलिए उठते-उठते भी देर होना तो स्वाभाविक ही था।अब जैसा की अनायास ही निकल पड़े थे तो हम दोनों के पास कुछ सामान भी नहीं था सिवाय बच्चे के सामान के, जो पहले से फ़ोन कर के खरीदवा लिया था,तो जरुरी सामान के लिए बाहर जाना पड़ा।साउथ में हिंदी भाषा वालों के लिए सब जगह ही परेशानी है पर तमिलनाडु में तो कुछ ज्यादा ही है,क्यूंकि किसी माल में तो नहीं गए थे तो छोटी दुकानों से सामान लेना बड़ी ही परेशानी का सबब है क्यूंकि वो लोग अंग्रेजी भी नहीं समझते।किस तरह से छोटा-मोटा जरुरत का सामान लिया होगा आप समझ सकते हैं।बस किस तरह से ले कर वापस पहुंचे और फ्रेश होने के बाद घुमने के लिए निकलने का प्लान बनाया।
अब आपको बैंगलोर से चेन्नई की दूरी का अंदाजा करा देते हैं,कुल जमा तीन सौ पैतालीस किलोमीटर।यूँ तो हाईवे अच्छा तो है पर जगह-जगह पर मिलने वाले डायवर्जनस शायद लगभग हर पांच सौ मीटर पर तो होंगे ही तो इस तरह से हम लोग रात को बारह बजे तक ही पंहुच पाए और जा कर के गरमा-गरम पुलाव खा कर के एक बजे के ऊपर ही सो पाए।बैंगलोर में रहने की आदत होने के कारण गर्मी भी कुछ ज्यादा ही लग रही थी इसलिए उठते-उठते भी देर होना तो स्वाभाविक ही था।अब जैसा की अनायास ही निकल पड़े थे तो हम दोनों के पास कुछ सामान भी नहीं था सिवाय बच्चे के सामान के, जो पहले से फ़ोन कर के खरीदवा लिया था,तो जरुरी सामान के लिए बाहर जाना पड़ा।साउथ में हिंदी भाषा वालों के लिए सब जगह ही परेशानी है पर तमिलनाडु में तो कुछ ज्यादा ही है,क्यूंकि किसी माल में तो नहीं गए थे तो छोटी दुकानों से सामान लेना बड़ी ही परेशानी का सबब है क्यूंकि वो लोग अंग्रेजी भी नहीं समझते।किस तरह से छोटा-मोटा जरुरत का सामान लिया होगा आप समझ सकते हैं।बस किस तरह से ले कर वापस पहुंचे और फ्रेश होने के बाद घुमने के लिए निकलने का प्लान बनाया।
अब थोडा चेन्नई के बारे में बात कर लेते हैं,चेन्नई जिसे पूर्व में मद्रास के नाम से जाना जाता था, तमिलनाडु की राजधानी है एवं इसे दक्षिण भारत का गेटवे भी कहा जाता है और यहाँ पर बहुत सारी कम्पनी स्थित होने के कारण पूरे भारत के लोग ही यहाँ मिल जाते हैं।हिंदी संगीत के सरताज रहमान(A. R. Rahman) जी का नाम तो किसने नहीं सुना है, चेन्नई उनकी जन्मस्थली भी है।चेन्नई को मंदिरों और चर्चों का शहर भी कहा जाता है और यहाँ के बीच(समुद्र तटों) के बारे में तो सभी जानते है।अब जैसा की हम बस एक दिन के लिए ही गए थे तो ज्यादा समय नहीं था घुमने के लिए,इसलिए सिर्फ तीन जगहों का चुनाव किया जिनमे एक्सप्रेस एवेन्यु(Express Avenue) मॉल, मरीना बीच(Marina Beach) और बेसंटनगर बीच (Besant Nagar Beach) शामिल थे।तो इन जगहों की जानकारी इस प्रकार से है,परन्तु अबकी बार अनायास ही जाने के कारण चित्रों का अभाव है क्यूंकि कैमरा तो पास में था ही नहीं,बस एक दो जो मोबाइल से ले पाए वो ही हैं-
१-एक्सप्रेस एवेन्यु(Express Avenue)-चेन्नई आ कर के इस माल में जाना तो जरुरी ही है क्यूंकि ये अपने आप में ही एक बहुत बड़ा टूरिस्ट स्पॉट टाइप का है और भारत के बड़े मॉलस में से एक है।करीब दस एकड जगह में फैले इस माल का ३.५ एकड भाग बिल्डिंग का तथा बचा हुआ भाग पार्किंग और गाड़ियों के आने जाने के रास्तों के लिए है।यहाँ पर होटल,मनोरजन के साधन और कारपोरेट ऑफिस,फ़ूड कोर्ट सभी कुछ है।इसकी भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की यहाँ पर छब्बिस तो लिफ्ट ही हैं।कुल मिलकर के इसे देखकर बैंगलोर के मॉल कुछ भी नहीं लगे,इसलिए चेन्नई जा कर के यहाँ जाना तो बनता ही है।
२-मरीना बीच(Marina Beach)-चेन्नई के बीच सुन्दर और आकर्षक तो बहुत है परन्तु पानी में उतरने के लिए बिलकुल भी उपयुक्त नहीं है।मरीना बीच बारह किलोमीटर लम्बा है इस वजह से रेत पर एक लम्बी वाक का बहुत अच्छा मौका देता है और यही नहीं ये विश्व का दूसरा बड़ा समुद्री छोर है।यहाँ पर पतंग उड़ाते हुए लोग भी आपको दिख जायेंगे। बस इतना ही है कि ये बीच उतना साफ नहीं है और चेन्नई के लोकल लोगों की भीड़-भाड से भरा हुआ,पर अपने आप में समुद्री किनारा बहुत अच्छा है।
३-बेसंटनगर बीच (Besant Nagar Beach)-इस बीच को इलियट बिच के नाम से भी जाना जाता है,जो की बेसंटनगर में स्थित है,इस बीच को नाईट बीच भी कहा जाता है।जो लोग भीड़-भाड़ से बचना चाहते है वो इधर की ओर रुख करते हैं।ये मरीना बीच का दक्षिणी किनारा है,जो की चेन्नई का सबसे साफ बीच है।यहाँ पर भी कोई साहसिक कार्यों की सुविधा नहीं है तो ये भी लम्बी वाक के लिए उपयुक्त है।यहाँ पर एक चर्च और मंदिर भी है।कुल मिलकर यहाँ पर जाना ज्यादा अच्छा रहा और अगले दिन सुबह चेन्नई से रवानगी के साथ-साथ जब दिन के १२ बजे बैंगलोर वापस पहुंचे तो बहुत ही जल्दी में बने इस चेन्नई ट्रिप का सुखद समापन हुआ।ये देखिये इस ट्रिप की एक मात्र फोटो-
बेसंटनगर बीच |